Kaal Bhairav Mantra :
काल भैरव, भगवान शिव का एक भयंकर रूप हैं। उन्हें संहारक, रक्षक और तंत्रिक शक्तियों के देवता के रूप में जाना जाता है।
उत्पत्ति:
काल भैरव की उत्पत्ति के बारे में कई कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काटा, तो उस सिर से निकले रक्त को रोकने के लिए उन्होंने काल भैरव को प्रकट किया।
स्वरूप:
काल भैरव का स्वरूप भयानक होता है। वे कुत्ते की सवारी करते हैं, उनके हाथों में हथियार होते हैं और वे नग्न रहते हैं।
मंदिर:
काल भैरव के कई मंदिर भारत में हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मंदिर हैं:
- काशी विश्वनाथ मंदिर के पास काल भैरव मंदिर, वाराणसी
- काल भैरव मंदिर, उज्जैन
- काल भैरव मंदिर, दिल्ली
- काल भैरव मंदिर, काठमांडू
पूजा:
काल भैरव की पूजा तंत्र-मंत्र के लिए प्रसिद्ध है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग उन्हें मदिरा, मांस, और मिठाई चढ़ाते हैं।
शक्तियां:
काल भैरव को अनेक शक्तियों का स्वामी माना जाता है। वे भूत-पिशाच से रक्षा करते हैं, तंत्र-मंत्र में सफलता प्रदान करते हैं और मोक्ष प्राप्ति में भी सहायक होते हैं।
काल भैरव जयंती:
काल भैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।